घर की मालकिन परेशान थी, रात को घर में दावत थी, पनीर पिज़्ज़ा बनाना चाह रही थी,सारा सामान ले आई थी लेकिन मशरुम लाना भूल गयी थी,रहती भी शहर से दूर थी, करीब कोई दूकान में मिलना मुश्किल था, साहब को मामला बताया तो टीवी से नज़रें हटाए बगैर बोले "मैं शहर नहीं जा रहा, अगर मशरुम नहीं डाले तो पिज़्ज़ा बन जायेगा और अगर फिर भी डालने है तो पीछे जो झाड़ियाँ हैं उसमें लगे हुवे है जंगली मशरूम उसमें डाल देना..घर मालकिन बोली "मैंने सूना है जंगली मशरूम ज़हरीले होते है अगर फ़ूड पोइसोनिंग हो गई और किसी को कुछ हुआ तो? साहब कहने लगे कुछ नहीं होगा..
घर मालकिन गयीं और जंगली मशरुम तोड़ लायी,लेकिन अक़लमंद थी, मशरुम सबसे पहले अपने कुत्ते मोती को डाले,कुत्ता खाने के कुछ देर मस्त खेलता रहा..चार, पांच घंटे बाद मालकिन ने पिज़्ज़ा बनाना शुरू किया और अच्छी तरह धोकर मशरुम पिज़्ज़ा और सालाद में डाल दिए..
दावत शानदार रही, मेहमानों को खाना पसंद आया, घर मालकिन बर्तन समेटने के बाद मेहमानों केलिए कॉफ़ी बना रही थी तो अचानक बेटी किचेन में दाख़िल हुई और कहा "मम्मी, हमारा मोती मर गया"
घर मालकिन की ऊपर की सांस ऊपर और निचे की सांस निचे अटक गयी लेकिन चूँकि समझदार थी इसलिए परेशान नहीं हुई फ़ौरन अस्पताल फोन किया और मामला बताया डॉक्टर ने कहा "क्यूंकि खाना अभी खाया है इसलिए बचाया जा सकता है,तमाम लोग जिन्होंने मशरुम खाए हैं उन्हें एनीमिया देना पडेगा और पेट साफ़ करना पड़ेगा"
थोड़ी ही देर में स्टाफ घर पहुँच गया और सबका पेट साफ़ किया गया..
रात तीन बजे सब मेहमान आड़े तिरछे बेड पर पड़े थे..
इतने में घर मालकिन की बेटी जिसने मशरुम नहीं खाए थे और सारी तकलीफ से बची थी, सूजी हुई आँखों के साथ माँ के पास बैठ गयी और उसके कंधे पर सर रखकर कहने लगी "मम्मी, कुछ लोग कितने ज़ालिम होते है, जिस ड्राईवर ने अपनी गाडी के निचे हमारे मोती को कुचल दिया था वो एक सेकंड भी नहीं रुका,कितना पत्थर दिल आदमी था,हाय मेरा मोती"
नोट:-आप कितने भी समझदार,अक़लमंद,ज़हीन क्यूँ ना हो, बात पूरी सुन लेने में कोई हर्ज नहीं है।
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