शुक्रवार, 13 अगस्त 2021

वीर दुर्गादास

मारवाड़ के लोह पुरुष वीर दुर्गादास

"आठ पहर चौसठ घड़ी , घुड़ले उपर वास |
सैल अणी स्यूं सैकतो, बाटी दुर्गादास || ""

आज एक ऐसे राष्ट्रनायक की जयंती है जिसने मारवाड़, मेवाड़, जयपुर को ही नहीं बल्कि सुदूर दक्षिण की मराठा शक्ति को राष्ट्र के साझा शत्रु के सामने संयुक्त रूप से खड़ा कर भारत के एक राष्ट्र होने के भाव को पुष्ट किया।

आज ऐसे राष्ट्र नायक की जयंती है जिसका जीवन भारत राष्ट्र की राष्ट्रीयता (भारतीयता) का जीवंत प्रतीक था। उनमें भगवान राम जैसा त्याग और मर्यादाओं के प्रति लगाव था तो भगवान कृष्ण जैसा राजनीतिक चातुर्य था। अपने लक्ष्य के प्रति उनमें ध्रुव और प्रहलाद जैसी एक निष्ठता थी तो हनुमान जी जैसी तेल और सिंदुर में ही प्रसन्न रहने की अकिंचनता थी। प्रताप जैसा तेज था तो शिवाजी जैसा शौर्य था। हमीर जैसी शरणागतवत्सला थी तो पाबूजी और तेजाजी जैसा वचनपालन था। 

यदि हमें देश के सभी राष्ट्रनायकों के एक साथ किसी एक व्यक्तित्व में दर्शन करने हों तो हमें दुर्गादास जी को देखना चाहिए। 

ऐसे महान दुर्गा बाबा को उनकी  जयंती पर सादर नमन।

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