शीश बोरलो,नासा मे नथड़ी,सौगड़ सोनो सेर कठै,
कठै पौमचो मरवण रौ, बोहतर कळियां घेर कठै!!
कठै पदमणी पूंगळ री ढोलो जैसलमैर कठै,
कठै चून्दड़ी जयपुर री साफौ सांगानेर कठै !!
गिणता गिणता रेखा घिसगी पीव मिलन की रीस कठै,
ओठिड़ा सू ठगियौड़़ी बी पणिहारी की टीस कठै!!
विरहण रातां तारा गिणती सावण आवण कौल कठै,
सपने में भी साजन दीसे सास बहू का बोल कठै!!
छैल भवंरजी ढौला मारू कुरजा़ मूमल गीत कठै,
रूड़ा राजस्थान बता वा थारी रूड़ी रीत कठै!!
हरी चून्दड़ी तारा जड़िया मरूधर धर की छटा कठै,
धौरां धरती रूप सौवणौ काळी कळायण घटा कठै!
राखी पूनम रेशम धागे भाई बहन को हेत कठै,
मौठ बाज़रा सू लदियौड़ा आसौजा का खैत कठै!
आधी रात तक होती हथाई माघ पौष का शीत कठै,
सुख दुःख में सब साथ रैवता बा मिनखा की प्रीत कठै!
जन्मया पैला होती सगाई बा वचना की परतीत कठै,
गाँव गौरवे गाया बैठी दूध दही नौनीत कठै!
दादा को करजौ पोतो झैले बा मिनखा की नीत कठै
रूड़ा राजस्थान बता वा थारी रूड़ी रीत कठै! !
काळ पड़िया कौठार खोलता दानी साहूकार कठै
सड़का ऊपर लाडू गुड़ता गैण्डा की बै हुणकार कठै!
पतियां सागै सुरग जावती बै सतवन्ती नार कठै,
लखी बणजारो टांडौ ढाळै बाळद को वैपार कठै!
धरा धरम पर आँच आवतां मर मिटण री हौड़ कठै
फैरा सू अधबिच उठिया
बे पाबू राठौड़ कठै!!
गळियां में गिरधर ने गावै बीं मीरा का गीत कठै
रूड़ा राजस्थान बता वा थारी रूड़ी रीत कठै!!
बितौड़ा वैभव याद दिरावै रणथम्बौर चितौड़ जठै
राणा कुम्भा रौ विजय स्तम्भ बलि राणा को मौड़ जठै!
हल्दीघाटी में घूमर घालै चैतक चढ्यौ राण जठै
छत्र छँवर छन्गीर झपटियौ बौ झालौ मकवाण कठै!
राणी पदमणी के सागै ही कर सोला सिणगार जठै
सजधज सतीया सुरग जावती मन्त्रा मरण त्यौहार कठै!!
जयमल पत्ता गौरा बादल रै खड़का री तान कठै,
बिन माथा धड़ लड़ता रैती बा रजपूती शान कठै!!
तैज केसरिया पिया कसमा साका सुरगा प्रीत कठै
रूड़ा राजस्थान बता वा थारी रूड़ी रीत कठै!!
निरमोही चित्तौड़ बतावै तीनों सागा साज कठै,
बौहतर बन्द किवाँड़ बतावै ढाई साका आज कठै!
चित्तौड़ दुर्ग को पेलौ पैहरी रावत बागौ बता कठै
राजकँवर को बानौ पैरया पन्नाधाय को गीगो कठै!!
बरछी भाला ढाल कटारी तोप तमाशा छैल कठै,
ऊंटा लै गढ़ में बड़ता चण्डा शक्ता का खैल कठै!
जैता गौपा सुजा चूण्डा चन्द्रसेन सा वीर कठै
हड़बू पाबू रामदेव सा कळजुग में बै पीर कठै!!
कठै गयौ बौ दुरगौ बाबौ श्याम धरम सू प्रीत कठै
रूड़ा राजस्थान बता वा थारी रूड़ी रीत कठै!!
हाथी रौ माथौ छाती झालै बै शक्तावत आज कठै,
दौ दौ मौतों मरबा वाळौ बल्लू चम्पावत आज कठै!!
खिलजी ने सबक सिखावण वाळौ सोनगिरौ विरमदैव कठै
हाथी का झटका करवा वाळौ कल्लो राई मलौत कठै!!
अमर कठै हमीर कठै पृथ्वीराज चौहान कठै
समदर खाण्डौ धोवण वाळौ बौ मर्दानौ मान कठै!!
मौड़ बन्धियोड़ौ सुरजन जूंझै जग जूंझण जूंझार कठै
ऊदिया राणा सू हौड़ करणियौ बौ टौडर दातार कठै!!
जयपुर शहर बसावण वाळा जयसिंह जी सी रणनीत कठै,
रूड़ा राजस्थान बता वा थारी रूड़ी रीत कठै !!
रूडा़ राजस्थान बता वा थारी रूड़ी रीत कठै!!
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